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जहाँगीर वेलनेस सेंटर, इमोस्केप के साथ-साथ मरीज की भावनात्मक स्थिति की जाँच करने वाला दुनिया का पहला स्वास्थ्य-सेवा संस्थान बना

लखनऊ :  पुणे के जहाँगीर वेलनेस सेंटर ने निहिलेंट के साथ साझेदारी के बाद इसके मेडिकल-ग्रेड इमोशन एआई प्लेटफॉर्म, इमोस्केप को बीमारियों की रोकथाम वाली स्वास्थ्य सेवा में शामिल किया है और मरीज की भावनात्मक स्थिति की जाँच में एआई का उपयोग करने वाला दुनिया का पहला स्वास्थ्य-सेवा संस्थान बन गया है। यह साझेदारी इंसान की भावनात्मक और शारीरिक सेहत को एक साथ जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह भारत को हेल्थकेयर के क्षेत्र में लोगों को ध्यान में रखकर किए गए इनोवेशन में अग्रणी स्थान दिलाता है।

इमोस्केप को स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल करने के बाद, अब जहाँगीर वेलनेस सेंटर आने वाले हर व्यक्ति के लिए नॉन-इन्वेसिव तरीके से इमोशनल स्कैन की सुविधा उपलब्ध होगी, जिसमें मुख्य रूप से 9 तरह के इंसानी जज़्बातों (नवरस): रौद्र, भयानक, हास्य, श्रृंगार, अद्भुत, वीभत्स, शांत, वीर और करुणा का मूल्यांकन किया जाता है। ये प्लेटफ़ॉर्म केवल 60 सेकंड में बेहद सुरक्षित और संपर्क रहित तकनीक का उपयोग करके इंसानी जज़्बातों के स्तर और प्रवृत्तियों को दर्शाता है। इसके बाद, अच्छी शारीरिक सेहत के संकेतों को ध्यान में रखकर जाँच के नतीजे का आकलन किया जाता है, जिससे यह पता चलता है कि भावनात्मक पैटर्न किस तरह से शारीरिक समस्याओं को प्रभावित कर सकते हैं, या मरीज के ठीक होने की प्रक्रिया पर असर डाल सकते हैं।
इस स्कैन को नियमित स्वास्थ्य जाँच में शामिल करके, जहाँगीर वेलनेस सेंटर बीमारियों की शुरुआत में पहचान और रोकथाम वाली/प्रिवेन्टीव स्वास्थ्य सेवा के एक नए तरीके को बढ़ावा दे रहा है, जिसमें इंसान की भावनात्मक सेहत को सिर्फ़ एक सहायक नहीं, बल्कि जाँच का मुख्य हिस्सा माना जाता है।
इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. माधुरी कानिटकर (सेवानिवृत्त), पूर्व वाइस चांसलर, महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विद्यापीठ, और पूर्व डीन, AFMC ने अपने विशेष संबोधन में कहा, “चिकित्सा का मतलब सिर्फ बीमारी को ठीक करना नहीं है; बल्कि इसमें इंसान को पूरी तरह से समझना भी शामिल है। इमोस्केप विज्ञान और टेक्नोलॉजी के जरिए इंसानी जज़्बातों को समझने में मदद करता है.

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