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शेष बंगाल को पश्चिमी बांग्लादेश बनाने वालों के दिवास्वप्न पूरे नहीं होने देंगे : विनोद बंसल

नई दिल्ली : विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक्स पर की एक पोस्ट में कहा है कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप के चाँद नगर गाँव में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने टीएमसी के शासन में जिहादियों के बढ़ते हिंदू द्रोही कुकृत्यों की ओर पूरे देश का ध्यान आकृष्ट किया है।
बंसल ने कहा कि दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज जैसे महान् उत्सवों के बीच ‘सर तन से जुदा’ की गैंग ने यहां वर्षों पुराने मंदिर में मां काली की प्रतिमा को गंभीर रूप से खंडित कर उनके सिर को धड़ से अलग कर दिया गया। इतना ही नहीं, शिकायत करने पर पुलिस नहीं पहुंची तो माता के भक्तों को प्रदर्शन करना पड़ा और फिर पुलिस ने बजाय अपराधियों को पकड़ने के, मंदिर को ही सील कर दिया। जन आक्रोश के बाद पुलिस को मंदिर तो पुनः खोलना पड़ा किंतु उसमें से खंडित काली माता की प्रतिमा को निकाल कर अपराधियों की तरह जबरन जेल बैन में ठूंस कर चलती बनी। संलग्न वीडियो आस्थावान हिंदुओं और काली माता के भक्तों के लिए किसी बड़े सदमे से कम नहीं है। प्रश्न उठता है कि आखिर… 1. काफिरोफोबिया से ग्रसित इन हिंदू द्रोहियों के हौसले इस हद तक किसने बढ़ाए ? 2. हिंदू देवी देवताओं की पवित्र प्रतिमा को खण्ड खण्ड कर ये अतिवादी क्या और किसे संदेश देना चाहते हैं? 3. हिंदू आस्था और विश्वास के साथ यह गंभीर घात कब तक चलेगा। 4. सत्ताधारी दल टीएमसी और उसके इशारों पर नाचने वाला शासन प्रशासन हिंदुओं, उनके मंदिरों और देवी देवताओं के इस घोर अपमान पर कब तक सुसुप्तावस्था में रहेगा? 5. अपराधियों द्वारा छुपकर और स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा जानबूझकर किए गए आपराधिक कुकृत्यों पर सरकार कब तक उदासीन रहेगी? 6. काली माता की प्रतिमा को खंडित करने वालों और उसके बाद पुलिस द्वारा जेल बैन में जबरन ठूंसने वालों के विरुद्ध सरकार क्या कुछ कार्यवाही कर पाएगी? 7. अपराधियों को गिरफ्तार करने के बजाय, पुलिस ने ग्रामीणों पर ही बल प्रयोग किया। सत्ता की इस खुलेआम गुंडई के विरुद्ध भी क्या कोई न्यायालय स्वत: संज्ञान लेगा? इस घटना ने एक अलार्म भी बजा दी है कि यदि इन अतिवादियों पर शीघ्र अंकुश नहीं लगाया तो पश्चिमी बंगाल को पश्चिमी बांग्लादेश बनने के स्वप्नदृष्टा तेज गति से हावी हो जाएंगे। ममता सरकार की जिहादी तुष्टिकरण की राजनीति के कारण, संतों और स्वतंत्रता सैनानियों की महान् व पावन धरा बंगाल का हर हिंदू समाज भय और अनिश्चितता में जीने को मजबूर है!! इतनी गंभीर घटना पर कार्यवाही या क्षमा याचना तो तो दूर, ममता दीदी या उनके इंडी मित्रों के मुंह से घटना की निंदा या चिंता के दो शब्द तक नहीं निकलना हिंदू समाज के प्रति उनकी गंभीर उदासीनता को दर्शाता है।



